दिल का दर्द

ज़िन्दगी में दर्द और भी है कहते हो हर बात को तुम,
रोता है कोई आसमानों में कहते हो बरसातों को तुम |

दिल का दर्द छुपाना तो सीख लिया अब तुमने,
छुपाओगे कैसे अपनी आवाज़ की खराशो को तुम ||

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