बहौत भूखा हू मे बाबा मुझे कुछ काम तो दो,






बहौत भूखा हू मे बाबा मुझे कुछ काम तो दो,
मे भिकारी नही कम से कम मुझे ग़रीब का नाम तो दो

हाथ पाँव मेरे भी है तुम्हारी ही तरह सलामत वोही दो ,
श्रम से डरता नही मे, पर उसका उचित दाम तो दो

आज सँवारा हुआ है भाग्य तुम्हारा ईश्वर का कभी नाम तो लो ,
कल जीवन का क्या भरोसा जाने कब क्या फिर हो

दया, घ्रना है पाप को तरह, मुझ मे भी भगवान है वो,
जो देखता सब है,समझ मत तेरे करमो से अंजान है वो

हराम है मेरे लए सब तुम्हारे लए आराम है जो ,
मेरा जीवन जैसे चक्की, चले नही तो पूर्ण-विराम सा हो ,
बहौत भूखा हू मे बाबा मुझे कुछ काम तो दो

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